Before
Voting please remember the following
statements:
1.. –
People will forget the coal scam like they forgot Bofors – Sushil Shinde
2. –
People join the Police and Army to die – Bhim Singh
3. -
Our soldiers were not killed by Pakistani army but by terrorists wearing the uniform of Pakistani army – AK Antony
4. -
If there is no water to drink then should I pee in the dams to bring water? – Ajit Pawar
6. – ,
Inflation is high because people purchase gold.- P. Chidambaram
7. –
Money does not grow on trees – Manmohan Singh
8. –
We do not have a magic wand that we can control inflation – Manmohan Singh
9. -
By killing cows we do not harm the country. If we do not kill cows, India will face a huge problem - Sharad Pawar
10. : - !
If Sonia ji says, I will even sweep the floor – Bhakta Charan Das
11. 400 200
! !: -- (1996 )
East India Company came to loot India 400 years back. I again invite you to come to India for the next 200 years.
There will be a huge reward for
you: -- P.C. Chidambaram, London
1999
12. :
Mother India is a demoness: Azam Khan
13. 5 : --
People can eat their fill in five rupees: -- Raj Babbar
14. 15. - 1952
If we start protecting cows, the world will say that we are taking India to the 15th century - Nehru, 1952
16. : -- !
The poor are responsible for inflation: -- Manmohan Singh
17. –
This country is at risk not because of Islamic terrorists but because of Hindu terrorists: -- Rahul Gandhi
18. :
I will not say Vande Mataram: -- Hamid Ansari
19. - --
Sonia ji cried a lot when the terrorists were killed at Batla House: -- Salman Khurshid
20. (4500 ) : -- ,
When a big tree falls, the ground shakes : Rajiv Gandhi on the murder of 4,500 Sikhs - Rajiv Gandhi
21. - ,
People are eating more that is why inflation is high: -- P.C. Chidambaram
22.. , -
There is no such thing as poverty in India. It is a state of the mind – Rahul Gandhi
23. -
Narendra Modi is a dealer in death: Sonia Gandhi
24. - --
I can become a parliamentarian any time I want. It is a small thing for me – Robert Vadra
25. -
People from UP are beggars. They go to Punjab and Gujarat to beg: -- Rahul Gandhi
12. :
Mother India is a demoness: Azam Khan
13. 5 : --
People can eat their fill in five rupees: -- Raj Babbar
14. 15. - 1952
If we start protecting cows, the world will say that we are taking India to the 15th century - Nehru, 1952
16. : -- !
The poor are responsible for inflation: -- Manmohan Singh
17. –
This country is at risk not because of Islamic terrorists but because of Hindu terrorists: -- Rahul Gandhi
18. :
I will not say Vande Mataram: -- Hamid Ansari
19. - --
Sonia ji cried a lot when the terrorists were killed at Batla House: -- Salman Khurshid
20. (4500 ) : -- ,
When a big tree falls, the ground shakes : Rajiv Gandhi on the murder of 4,500 Sikhs - Rajiv Gandhi
21. - ,
People are eating more that is why inflation is high: -- P.C. Chidambaram
22.. , -
There is no such thing as poverty in India. It is a state of the mind – Rahul Gandhi
23. -
Narendra Modi is a dealer in death: Sonia Gandhi
24. - --
I can become a parliamentarian any time I want. It is a small thing for me – Robert Vadra
25. -
People from UP are beggars. They go to Punjab and Gujarat to beg: -- Rahul Gandhi
Kind Regards,
Sanjay Kadia
Sc Mudgal posts on facebook on 27.02.2014
‘वित्त मंत्री पी.चिदंबरम हवाला कांड में लिप्त हैं।’ >>
राम जेठमलानी यह दावा कर रहे हैं। वे जाने माने वकील हैं। उन्हें तथ्य पर बात करने वाला माना जाता है।
संजय श्रीवास्तव ने उस सिक्रेट रिपोर्ट में लिखा है कि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को टेलीकॉम कंपनियों से 5000 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। इस काली कमाई को सफेद करने के लिए ही उन्होंने एनडीटीवी का सहयोग लिया। इस सहयोग से एनडीटीवी स्वयं को आर्थिक संकट से उबार पाने में सफल रहा।- राम जेठमलानी, सुप्रीम कोर्ट के वकील
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर 5000 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप है। यह दावा किया गया है कि चिदंबरम ने इस ‘काले धन’ को सफेद करने के लिए नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (एनडीटीवी) की मदद ली। यही नहीं है, बल्कि पूरे प्रकरण पर पर्दा डालने के लिए कई अधिकारियों को मोटी रिश्वत दी गई।
इस मामले से जुड़ी फाइलों के साथ छेड़छाड़ की गई है। साथ ही जिस अधिकारी को इस मामले की जांच का जिम्मा मिला था, उसके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है। उस राजस्व अधिकारी का नाम संजय श्रीवास्तव है। ऊपर कही गई बातें किसी चलते-फिरते व्यक्ति की नहीं हैं, बल्कि जाने-माने वकील व पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री राम जेठमलानी का यह दावा है।
इस बाबत राम जेठमलानी ने पी. चिदंबरम को एक चिट्ठी लिखी है। वह चिट्ठी कुल 40 पेज की है। 6 दिसंबर, 2013 को लिखी इस चिट्ठी में जेठमलानी ने दावा किया है कि वित्त मंत्री रहते हुए पी. चिदंबरम ने पूरे मामले की जांच में बाधा उत्पन्न की है। जेठमलानी यहीं नहीं रुके हैं। अपने पत्र में उन्होंने जो दावे किए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। मामले का विस्तार से खुलासा करते हुए राम जेठमलानी ने कहा है कि जब 2004 में एनडीटीवी रुपए की कमी से जूझ रहा था तो और करीब-करीब बंद होने की कगार पर था तो अचानक उसके खाते में 300 मिलियन पाउंड आ गए।
इस निवेश पर जेठमलानी ने सवाल उठाया है। राजस्व अधिकारी संजय श्रीवास्तव की रिपोर्ट का हवाला देते हुए जेठमलानी ने कहा है कि एनडीटीवी ने अपने सालाना बहीखाते में 300 मिलियन पाउंड के निवेश की कोई चर्चा नहीं की है। जबकि, भारतीय कंपनी अधिनियम के अनुसार सभी कंपनियों को अपना वार्षिक लेखा-जोखा सरकार को देना जरूरी है। यदि कंपनी इसमें कोई हेर-फेर करती है तो कंपनी खाते की जांच करने वाले अधिकारी को इसकी जानकारी देनी होती है।
जेठमलानी कहते हैं कि सुमना सेन ने ऐसा नहीं किया। दरअसल, उस दौरान सुमना सेन ही एनडीटीवी की एसेसिंग अधिकारी थी। मतलब यह है कि सुमना सेन के पास ही एनडीटीवी के बही-खाते की निगरानी करने की जिम्मेदारी थी। लेकिन, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की।
अपने पत्र में जेठमलानी इस बात पर आश्चर्य प्रकट करते हैं कि आखिर कैसे इस बात की जानकारी किसी को नहीं हुई? वे कहते हैं कि अधिक संभावना थी कि यह रहस्य दफन हो जाता। इस मामले को सामने लाने का श्रेय वे संजय श्रीवास्तव को देते हैं। संजय श्रीवास्तव 1987 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी हैं। उन्हें 2005 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के खुफिया विंग की कमान सौंपी गई थी। इसके बाद अपने काम के दौरान उन्हें एनडीटीवी के बारे में खुफिया सूचना मिली, जिसके मुताबिक कंपनी ने कर चोरी की थी।
इसमें विभाग के कई अधिकारियों के भी शामिल होने की बात कही गई थी, जिसमें राजस्व अधिकारी सुमना सेन का नाम सबसे ऊपर था। यह दावा किया गया है कि सुमना सेन ने एनडीटीवी में कार्यरत अपने पति अभिसार शर्मा के साथ मिलकर कंपनी को कर चोरी करने में मदद की थी। इसके बदले उन्हें रिश्वत दी गई थी।
संजय श्रीवास्तव की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राम जेठमलानी ने पी.चिदंबरम को लिखे पत्र में पूरी घटना का सिलसिलेवार जिक्र किया है। उनका दावा है कि सुमना इस मामले में भारत सरकार को लगातार गुमराह करती रहीं और इसके बदले एनडीटीवी के खर्चे पर यूरोप तक घूमने गईं, जबकि सरकार को सूचना दी कि एनडीटीवी ने उनके पति को परिवार के साथ छुट्टी मनाने कि लिए यूरोप भेजा था।
पत्र में एक दूसरे महत्वपूर्ण तथ्य की भी चर्चा है। सुमना सेन ने सरकार को बताया कि वह एनडीटीवी की कभी एसेसिंग अधिकारी कभी रही ही नहीं। इन दोनों बातों की छानबीन के बात संजय श्रीवास्तव ने सुमना सेन के दाव को गलत पाया था, जिसके बाद उन्होंने जांच शुरू की थी।
पत्र में दावा किया गया है कि सुमना सेन के पति अभिसार शर्मा एनडीटीवी में 2003-2007 के बीच विशेष संवाददाता के रूप में कार्यरत थे। इसी दौरान सुमना एनडीटीवी की एसेसिंग अधिकारी रहीं। यहां रहस्य की बात यह है कि इसकी जानकारी सुमना ने आयकर विभाग को नहीं दी, जबकि नियम के अनुसार ऐसा करना अनिवार्य होता है।
उस समय के पूरे घटनाक्रम की चर्चा राम जेठमलानी के पत्र में कुछ इस प्रकार है। राजस्व अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने खुफिया सूचना के बाद प्रारंभिक छानबीन में उन आरोपों को सही पाया था। इसके बाद उन्होंने सीबीडीटी से संपर्क किया और पूरी प्रारंभिक रिपोर्ट दी। इसके बाद सीबीडीटी ने उन्हें पूरे मामले की गहन छानबीन करने की अनुमित दी थी।
संजय श्रीवास्तव ने ‘सिक्रेट नोट’ नाम से एक फाइल सीबीडीटी के चेयरमैन को दी, जिसमें पी. चिदंबरम के संबंध में चौकाने वाले तथ्य थे।
जेठमलानी के पत्र के अनुसार संजय श्रीवास्तव ने उस सिक्रेट रिपोर्ट में लिखा है कि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को टेलीकॉम कंपनियों से 5000 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। इस काली कमाई को सफेद करने के लिए ही उन्होंने एनडीटीवी का सहयोग लिया। इस सहयोग से एनडीटीवी स्वयं को आर्थिक संकट से उबार पाने में सफल रहा। दावा किया गया है कि एनडीटीवी ने काले धन को सफेद करने के लिए अपनी सब्सिडरी कंपनियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। (भाग-1)
राम जेठमलानी यह दावा कर रहे हैं। वे जाने माने वकील हैं। उन्हें तथ्य पर बात करने वाला माना जाता है।
संजय श्रीवास्तव ने उस सिक्रेट रिपोर्ट में लिखा है कि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को टेलीकॉम कंपनियों से 5000 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। इस काली कमाई को सफेद करने के लिए ही उन्होंने एनडीटीवी का सहयोग लिया। इस सहयोग से एनडीटीवी स्वयं को आर्थिक संकट से उबार पाने में सफल रहा।- राम जेठमलानी, सुप्रीम कोर्ट के वकील
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर 5000 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप है। यह दावा किया गया है कि चिदंबरम ने इस ‘काले धन’ को सफेद करने के लिए नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (एनडीटीवी) की मदद ली। यही नहीं है, बल्कि पूरे प्रकरण पर पर्दा डालने के लिए कई अधिकारियों को मोटी रिश्वत दी गई।
इस मामले से जुड़ी फाइलों के साथ छेड़छाड़ की गई है। साथ ही जिस अधिकारी को इस मामले की जांच का जिम्मा मिला था, उसके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है। उस राजस्व अधिकारी का नाम संजय श्रीवास्तव है। ऊपर कही गई बातें किसी चलते-फिरते व्यक्ति की नहीं हैं, बल्कि जाने-माने वकील व पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री राम जेठमलानी का यह दावा है।
इस बाबत राम जेठमलानी ने पी. चिदंबरम को एक चिट्ठी लिखी है। वह चिट्ठी कुल 40 पेज की है। 6 दिसंबर, 2013 को लिखी इस चिट्ठी में जेठमलानी ने दावा किया है कि वित्त मंत्री रहते हुए पी. चिदंबरम ने पूरे मामले की जांच में बाधा उत्पन्न की है। जेठमलानी यहीं नहीं रुके हैं। अपने पत्र में उन्होंने जो दावे किए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। मामले का विस्तार से खुलासा करते हुए राम जेठमलानी ने कहा है कि जब 2004 में एनडीटीवी रुपए की कमी से जूझ रहा था तो और करीब-करीब बंद होने की कगार पर था तो अचानक उसके खाते में 300 मिलियन पाउंड आ गए।
इस निवेश पर जेठमलानी ने सवाल उठाया है। राजस्व अधिकारी संजय श्रीवास्तव की रिपोर्ट का हवाला देते हुए जेठमलानी ने कहा है कि एनडीटीवी ने अपने सालाना बहीखाते में 300 मिलियन पाउंड के निवेश की कोई चर्चा नहीं की है। जबकि, भारतीय कंपनी अधिनियम के अनुसार सभी कंपनियों को अपना वार्षिक लेखा-जोखा सरकार को देना जरूरी है। यदि कंपनी इसमें कोई हेर-फेर करती है तो कंपनी खाते की जांच करने वाले अधिकारी को इसकी जानकारी देनी होती है।
जेठमलानी कहते हैं कि सुमना सेन ने ऐसा नहीं किया। दरअसल, उस दौरान सुमना सेन ही एनडीटीवी की एसेसिंग अधिकारी थी। मतलब यह है कि सुमना सेन के पास ही एनडीटीवी के बही-खाते की निगरानी करने की जिम्मेदारी थी। लेकिन, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की।
अपने पत्र में जेठमलानी इस बात पर आश्चर्य प्रकट करते हैं कि आखिर कैसे इस बात की जानकारी किसी को नहीं हुई? वे कहते हैं कि अधिक संभावना थी कि यह रहस्य दफन हो जाता। इस मामले को सामने लाने का श्रेय वे संजय श्रीवास्तव को देते हैं। संजय श्रीवास्तव 1987 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी हैं। उन्हें 2005 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के खुफिया विंग की कमान सौंपी गई थी। इसके बाद अपने काम के दौरान उन्हें एनडीटीवी के बारे में खुफिया सूचना मिली, जिसके मुताबिक कंपनी ने कर चोरी की थी।
इसमें विभाग के कई अधिकारियों के भी शामिल होने की बात कही गई थी, जिसमें राजस्व अधिकारी सुमना सेन का नाम सबसे ऊपर था। यह दावा किया गया है कि सुमना सेन ने एनडीटीवी में कार्यरत अपने पति अभिसार शर्मा के साथ मिलकर कंपनी को कर चोरी करने में मदद की थी। इसके बदले उन्हें रिश्वत दी गई थी।
संजय श्रीवास्तव की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राम जेठमलानी ने पी.चिदंबरम को लिखे पत्र में पूरी घटना का सिलसिलेवार जिक्र किया है। उनका दावा है कि सुमना इस मामले में भारत सरकार को लगातार गुमराह करती रहीं और इसके बदले एनडीटीवी के खर्चे पर यूरोप तक घूमने गईं, जबकि सरकार को सूचना दी कि एनडीटीवी ने उनके पति को परिवार के साथ छुट्टी मनाने कि लिए यूरोप भेजा था।
पत्र में एक दूसरे महत्वपूर्ण तथ्य की भी चर्चा है। सुमना सेन ने सरकार को बताया कि वह एनडीटीवी की कभी एसेसिंग अधिकारी कभी रही ही नहीं। इन दोनों बातों की छानबीन के बात संजय श्रीवास्तव ने सुमना सेन के दाव को गलत पाया था, जिसके बाद उन्होंने जांच शुरू की थी।
पत्र में दावा किया गया है कि सुमना सेन के पति अभिसार शर्मा एनडीटीवी में 2003-2007 के बीच विशेष संवाददाता के रूप में कार्यरत थे। इसी दौरान सुमना एनडीटीवी की एसेसिंग अधिकारी रहीं। यहां रहस्य की बात यह है कि इसकी जानकारी सुमना ने आयकर विभाग को नहीं दी, जबकि नियम के अनुसार ऐसा करना अनिवार्य होता है।
उस समय के पूरे घटनाक्रम की चर्चा राम जेठमलानी के पत्र में कुछ इस प्रकार है। राजस्व अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने खुफिया सूचना के बाद प्रारंभिक छानबीन में उन आरोपों को सही पाया था। इसके बाद उन्होंने सीबीडीटी से संपर्क किया और पूरी प्रारंभिक रिपोर्ट दी। इसके बाद सीबीडीटी ने उन्हें पूरे मामले की गहन छानबीन करने की अनुमित दी थी।
संजय श्रीवास्तव ने ‘सिक्रेट नोट’ नाम से एक फाइल सीबीडीटी के चेयरमैन को दी, जिसमें पी. चिदंबरम के संबंध में चौकाने वाले तथ्य थे।
जेठमलानी के पत्र के अनुसार संजय श्रीवास्तव ने उस सिक्रेट रिपोर्ट में लिखा है कि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को टेलीकॉम कंपनियों से 5000 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। इस काली कमाई को सफेद करने के लिए ही उन्होंने एनडीटीवी का सहयोग लिया। इस सहयोग से एनडीटीवी स्वयं को आर्थिक संकट से उबार पाने में सफल रहा। दावा किया गया है कि एनडीटीवी ने काले धन को सफेद करने के लिए अपनी सब्सिडरी कंपनियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। (भाग-1)
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