Saturday, September 22, 2018

Dirty Trick War Against Rafael Deal

Persons who say that present government  recommended name of Reliance Industry to France defense company Dassault  should read this news published in Economic Times in Fab 2012 that is more than six years ago when UPA GOVT was in power and Modi was not at all in picture so far as national issues were concerned. Link given below.

Leaders of Congress party believe that if they speak lie hundred times , their lie will become truth. They steal and loot money and when police comes on the spot ,they start shouting  'Chor Chor' to mislead police. 

This ill  culture and  such dirty tricks used by Congress Party will ensure complete elimination of the party from Indian politics. They are already cut to size from 400 to 40.
 It is pity that every small or regional  party at state level dictate term to this 125 year old Congress party.  The party is headed by a joker and it is pity that none of so called stalwarts  in the party has the guts to speak against Gandhi family even though RG speaks lie and acts as a comedian.

Leaders of this national party has breached all limits of civic senses and indulge openly in mud slinging proocess without any shame feeling. Unfortunately  some small parties at state level also support their nonsensical attitude only because there is mad rush for power.

There are some blind followers of congress party, there are some Modi haters and there are some anti nationals who are using all types of false propaganda to tarnish rising and relentlessly shining  image of Modi all over the world. Enemies of Modi and BJP have united to serve their selfish interests. They do not  feel hesitation even in speaking on defense related matters which directly give advantage to enemy country  like Pakistan and China. SOME of them speak the way as if they are agents of Pakistsn or China or agents of anti national forces .It appears that they for the sake of  power can compromise with all laws of ethics and international code of conduct. They want power by hook or by crook.

 It is pity and ridiculous  that some media men for sake of TRP or to serve their ill  motivated promoters blindly extend support to RG called as Pappu and his flatterer gang without bothering of  national safety and security. They should in fact take care of national interests at all cost.

News published in Economic  Times in Fab 2012 says , "Days after bagging the multi- billion dollar MMRCA deal, French defence major Dassault Aviation has entered into an agreement with Reliance Industries Limited for partnering in defence and homeland security sector in the country". If this news is also fake then only God can save us .





Message received on WhatsApp is as follows


राफ़ेल रिलायंस का संयुक्त उद्यम: ओलांद, भृष्ट मीडिया, कांग्रेस व रूस का षडयंत्र
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कल भारत की मीडिया ने एक भूचाल को जन्म दिया है। प्रेस्टिट्यूएस मीडिया के नाम से कुख्यात 'द वायर', 'द प्रिंट', 'एनडीटीवी' में एक साथ यह खबर आई कि फ्रांस के भूतपूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया है की राफ़ेल डील में इस युद्धक विमान के कल पुर्जे बनाने के लिये, भारत सरकार ने रिलाइंस का नाम दिया था। 

इस ब्रेकिंग न्यूज़ का असर यह हुआ कि मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर लोगो ने वर्तमान की भारतीय सरकार, विशेषतः मोदी जी पर व्यक्तिगत रूप से 'राफ़ेल घोटाला' का नाम लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया है। 

कल जब यह विस्फोट हुआ था तब मुझको देख कर कोई भी आश्चर्य नही हुआ था कि इस खबर को जिन लोगों ने बढ़ाया है और उनकी देखा देखी, जो और लोग कूद पड़े है उन किसी ने इस समाचार की हेडलाइंस से ज्यादा जाकर कुछ भी अन्वेषण नही किया था। इस सबको देख कर मेरा विश्वास और भी सुद्रढ़ हो गया थी कि राफ़ेल सौदे को लेकर जो आग लगाई गई उसके पीछे का सच जरूर कुछ और होगा क्योंकि इसको लेकर उड़ा भ्रष्ट्र राजनैतिक समुदाय, जिसकी अगुवाई 5000 करोड़ के नेशनल हेराल्ड घोटाले में जमानत में बाहर निकले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और एनडीटीवी व शेखर गुप्ता कर रहे है।

आज सब राफ़ेल पर फ्रांस के भूतपूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने जो कहा उस पर बात कर रहे है और मोदी जी भृष्टाचार का आरोप लगा रहे है लेकिन क्या किसी ने ओलांद का इंटरव्यू पढा या सुना है? मैं कल से इसको खोज रहा हूँ लेकिन मुझ को नही मिला है। फिर यह है क्या? यदि लोग इस समाचार को बिना पूर्वाग्रह के पढा होता तो हमेशा की तरह वे एक बार फिर अविश्वसनीय मीडिया की बात पर तुरन्त विश्वास कर के हुयाँ हुयाँ नही करने लगते।

यह सारा समाचार पैदा नही बल्कि बनाया गया है। यह समाचार ठीक वैसे ही बनाया गया है जिस तरह राफ़ेल को बनाने वाली कम्पनी दासौ एविएशन ने रिलायंस के साथ वायुयान के कलपुर्जे बनाने के लिए जॉइंट वेंचर बनाया था। फ्रांस में एक खोजी पत्रकारिता के नाम पर वेबपोर्टल है जिसका नाम है मीडियापार्ट.एफआर जो अपने पाठकों के सब्क्रिप्शन पर चलता है। उसके संपादक एडव्य प्लेनेल ने एनडीटीवी को दिये गए एक साक्षत्कार में बताया कि जब वे फ्रांस के भूतपूर्व राष्ट्रपति ओलांद पर एक कहानी कर रहे थे तब ओलांद ने बताया कि भारत की सरकार ने, राफ़ेल सौदे में भारतीय पार्टनर के रूप में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस का नाम सामने रखा था।

यहां यह महत्पूर्ण है कि मिडियापार्ट के सम्पादक ने ओलांद के साथ हुये किसी भी इंटरव्यू को सामने नही रक्खा, सिवाय इसके की उनके पास पर्याप्त सबूत है। अब जो राफ़ेल का नरेशन चल रहा है उसमे कही भी इस संपादक का जिक्र नही हो रहा है सिर्फ ओलांद ही चल रहा है। एनडीटीवी के अपने साक्षात्कार में प्लेनेल ने भारत सरकार कहा है लेकिन अब उसमे भारत गायब हो गया है और मोदी जुड़ गया है। यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि ओलांद से यह प्लेनेल कि कब बात हुई इसका कोई जिक्र सामने नही आया है। 

मैंने स्वयं https://www.mediapart.fr/ को खंगाला है लेकिन उनके यहां किसी भी जगह इस बात का कोई जिक्र नही आया है। यह बेहद आश्चर्यजनक बात है कि इतनी बड़ी खबर, जिसकी खबर पर भारत मे खबर बनाई गई है उसका मूल साइट पर कोई जिक्र नही है? हां, वहां ओलांद और रिलायंस को लेकर एक खबर जरूर है जिसमे यह बताया गया है कि ओलांद की प्रेमिका, फ्रेंच अभिनेत्री जूली गये की फ़िल्म 'आल इन द स्काई' जो एवरेस्ट चढ़ाई के दौरान मारे गए फ्रेंच पर्वतारोही मारको सेफर्डी पर आधारित थी को अनिल अम्बानी की रिलायंस एंटरटेनमेंट ने फाइनेंस किया था। 10 मिलियन यूरो के बजट की फ़िल्म में अनिल अंबानी की सहभागिता पहले 3 मिलियन की थी जो अंत मे सिर्फ 1.6 मिलियन यूरो की रह गयी थी।

आज जब यह लिख रहा हूँ तब तक फ्रेंच सरकार व दासौ एविएशन के आधिकारिक बयान आगये है और ओलांद के नाम पर जो कहा गया उसको आधिकारिक रूप से नकार दिया गया है। 

आज जब मीडिया राफ़ेल सौदे पर बात कर रही है तब यह बात नही बता रही है कि रिलायंस डिफेंस और दासौ एविएशन के बीच 2012 को साझेदारी हो गयी थी, जो अम्बानी परिवार में बंटवारे के बाद 2013 में अनिल अंबानी के हिस्से में आई थी। दासौ एविएशन ने यह जरूर बताया है कि उन्होंने रिलायंस डिफेंस को 2013 में ही चुन लिया था। *यहां सबसे विशेष बात यह है कि दासौं एविएशन ने,  रिलायंस डिफेंस की तरह 72 कम्पनियों के साथ साझेदारी की लेकिन उस पर सब चुप है? काइनेटिक,महेंद्रा, मैनी इत्यादि कम्पनियों के साथ दासौं ने कांग्रेस के सैम पित्रोदा की 'सैमटेल' भी शामिल है लेकिन कांग्रेस व मीडिया चुप है?* 

आज मीडिया यह भी नही बता रही है कि प्लेनेल का ओलांद के साथ साक्षात्कार कब हुआ था और क्या उन्होंने प्लेनेल के कथन के प्रमाण देखे है? मीडिया इस पर इस लिये बात नही कर रही है क्योंकि यह साक्षत्कार 2012/13 में लिया गया था को एक ब्लॉग में सामने आया था। उस वक्त ओलांद फ्रांस के राष्ट्रपति थे और भारत मे मनमोहन सिंह की यूपीए की सरकार थी और राफ़ेल सौदे की शुरुआत हुई थी। 

*अब इन सब तथ्यों के आधार पर क्या मीडिया और विपक्ष भारत की जनता को यह समझाना चाहता है कि, 2012/13 मे तब के फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिलायंस के लिये कहा था?*

यदि तथाकथित ओलांद के बयानों को संदेह का लाभ दे भी दिया जाय तो क्या इसका मतलब यह नही है कि 'भारत की सरकार' का तात्पर्य, 2012/13 में सोनिया गांधी की अध्यक्षता में मनमोहन सिंह की भारत मे सरकार थी, उससे था? 

आज जब इतने सारे तथ्यात्मक सूचनाये सामने आगयी है तब इसमें कोई संदेह नही रह गया है कि एक एजेंडे के तहत विदेश से बिना किसी तथ्य को सामने रख कर लीक की गई सूचना से भारत की मीडिया और कांग्रेसी इकोसिस्टम ने ब्रेकिंग न्यूज़ पैदा कर दी है। *यह दरअसल रूस में व्यक्तिगत यात्रा पर गई सोनिया गांधी का रूस के सहयोग से प्रयास है। भारत ने जब से रूसी युद्धक सामग्री पर अपनी आत्मनिर्भरता को कम किया है तब से भारत की राफ़ेल सौदे को विवादों में घेरने की कोशिश होती रही है। रूस अपने सुखाई 30 को बेचने में बहुत पहले से लगा हुआ था लेकिन मोदी सरकार द्वारा राफ़ेल का बड़ा सौदा करना उसके लिये बड़ा झटका था। इसके लिये रूस ने सोनिया गांधी की तरह एक और हारे सोशलिस्ट पार्टी के राजनैतिज्ञ फ्रांस के भूतपूर्व राष्ट्रपति ओलांद, जो वामपंथी राजनीति करते है, को बढ़ाया गया जो अपने कार्यकाल में इतने बदनाम हुये थे कि उन्होंने 2017 में चुनाव ही नही लड़ा था।*

यह राफ़ेल सौदा सिर्फ मोदी जी की सरकार पर भृष्टाचार का आरोप लगाने का हथियार नही है बल्कि विश्व की युद्धसामग्री बेचने वालों के लिए हथियार है। यह मोदी जी की सरकार को बदनाम करने का षडयंत्र है क्योंकि मोदी जी की सरकार ने बिचौलियों का धंधा और दोयम दर्जे की सैन्य सामग्री खरीदने की परिपाटी की बन्द कर दिया है जिससे कांग्रेस व भृष्ट मीडिया को मिलने वाली औक़ातनुसार मलाई मिलना भी बन्द हो गयी है।

*आज कांग्रेस समेत विपक्ष व भृष्ट मीडिया मानसिकता व आचरण से इतना विच्छिप्त हो चुके है कि उनके लिये भारत के अस्तित्व से बहुत ज्यादा उनका अस्तित्व महत्वपूर्ण है और वे इसके लिये अपनी बिकी हुई आत्मा से भारत के कण कण को बेचने से भी नही हिचक रहे है।*

#copied





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𝗠𝘂𝘀𝘁 𝗞𝗻𝗼𝘄 𝗤𝘂𝗲𝘀𝘁𝗶𝗼𝗻 & 𝗔𝗻𝘀𝘄𝗲𝗿𝘀: 

A must read for all, especially the highly tolerant folks. 

 *Q1: When did poverty begin in India?* 
Answer: 26th May 2014
Before that the poor were roaming around in expensive cars and drinking cold coffee.

 *Q2: When did the crooked media and some religious institutions lose trust in Indian Democracy?* 
Answer: 26th May 2014

 *Q3: When did Ambani and Adani become rich* ?
Answer: 26th May 2014
Before that they were begging on Mumbai roads.

 *Q4: When did Petrol and Diesel Prices increase* ?
Answer: 26th May 2014
Until the day before that, petrol was sold at 14 Rupees per Litre.

 *Q5: When did Kashmir issues start?* 
Answer: 26th May 2014
Until then all the terrorists were messengers of peace. They used to distribute chocolates to kids in the valley.

 *Q6: When did India's issues with China and Pakistan start?* 
Answer: 26th May 2014
Before that Pakistan and China treated Indians with lots of love. They used to even hug and kiss Indians whenever they saw them.

 *Q7: When did people realize that there is illegal money stashed abroad in foreign banks?* 
Answer: 26th May 2014
Indians were never aware of Black Money until then. They thought black money is money painted in black ink for recreational purposes.

 *Q8: When was the word "Intolerance" invented?* 
Answer: 26th May 2014
This word was added to the dictionary only then. Until then people didn't even realize such thing exists nor felt it.

 *Q9: Who broke into the Parliament at midnight and started ruling India without the people voting for him?* 
Answer: Narendra Modi

 *Q10: Who was the first Indian PM to do foreign trips on flights?* 
Answer: Narendra Modi
Before this, Indian PMs used to travel in Bullock Carts to other countries.

🙂👆🏼🤔👆🏼😇👆🏼😂👆🏼🤣

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