कोई सोना चढ़ाये , कोई चाँदी चढ़ाये
------कोई हीरा चढ़ाये , कोई मोती चढ़ाये
चढाऊँ क्या तुझे भगवान ; कि ये निर्धन का डेरा है
अगर मैं फूल चढ़ाता हूँ , तो वो भँवरे का झूठा है ...
-----अगर मैं फल चढ़ाता हूँ , तो वो पक्षी का झूठा है
अगर मैं जल चढ़ाता हूँ , तो वो मछली का झूठा है
-----अगर मैं दूध चढ़ाता हूँ , तो वो बछ्ड़े का झूठा है
चढ़ाऊँ क्या तुझे भगवान ; कि ये निर्धन का डेरा है
------कोई हीरा चढ़ाये , कोई मोती चढ़ाये
चढाऊँ क्या तुझे भगवान ; कि ये निर्धन का डेरा है
अगर मैं फूल चढ़ाता हूँ , तो वो भँवरे का झूठा है ...
-----अगर मैं फल चढ़ाता हूँ , तो वो पक्षी का झूठा है
अगर मैं जल चढ़ाता हूँ , तो वो मछली का झूठा है
-----अगर मैं दूध चढ़ाता हूँ , तो वो बछ्ड़े का झूठा है
चढ़ाऊँ क्या तुझे भगवान ; कि ये निर्धन का डेरा है
अगर मैं सोना चढ़ाता हूँ , तो वो माटी का झूठा है
------अगर मैं हीरा चढ़ाता हूँ , तो वो कोयले का झूठा है
अगर मैं मोती चढ़ाता हूँ , तो वो सीपों का झूठा है
-------अगर मैं चंदन चढ़ाता हूँ , तो वो सर्पो का झूठा है
चढ़ाऊँ क्या तुझे भगवान, कि ये निर्धन का डेरा है
अगर मैं तन चढ़ाता हूँ , तो वो पत्नी का झूठा है
-------अगर मैं मन चढ़ाता हूँ , तो वो ममता का झूठा है
अगर मैं धन चढ़ाता हूँ , तो वो पापो का झूठा है
--------अगर मैं धर्म चढ़ाता हूँ , तो वो कर्मों का झूठा है
चढाऊँ क्या तुझे भगवान , कि ये निर्धन का डेरा है
तुझे परमात्मा जानू , तू ही तो है - मेरा दर्पण
-----------तुझे मैं आत्मा जानू , करूँ मैं आत्मा अर्पण------!!
।। जय श्री कृष्णा ।।*।। राधे राधे ।।*।। सुप्रभात ।।
[एक बार कृष्ण जी ने पत्थर उठा कर ही गोकुल
धाम प्रलय से बचाया,
एक बार पत्थर ला कर हनुमान जी ने लक्ष्मण
के प्राण बचाये,
एक बार हनुमान जी ने पत्थर पर राम नाम
लिख कर समुद्र में तैराये रामसेतु
बना लंका पहुँचाया।
एक बार पत्थर ने ही हमारा केदार नाथ
बचाया...
फ़िर भी तमाम मूर्ख हम से पूछते हैं कि
तुम हिंदू "पत्थर" क्यों पूजते हो।
||जय श्री राम ||
------अगर मैं हीरा चढ़ाता हूँ , तो वो कोयले का झूठा है
अगर मैं मोती चढ़ाता हूँ , तो वो सीपों का झूठा है
-------अगर मैं चंदन चढ़ाता हूँ , तो वो सर्पो का झूठा है
चढ़ाऊँ क्या तुझे भगवान, कि ये निर्धन का डेरा है
अगर मैं तन चढ़ाता हूँ , तो वो पत्नी का झूठा है
-------अगर मैं मन चढ़ाता हूँ , तो वो ममता का झूठा है
अगर मैं धन चढ़ाता हूँ , तो वो पापो का झूठा है
--------अगर मैं धर्म चढ़ाता हूँ , तो वो कर्मों का झूठा है
चढाऊँ क्या तुझे भगवान , कि ये निर्धन का डेरा है
तुझे परमात्मा जानू , तू ही तो है - मेरा दर्पण
-----------तुझे मैं आत्मा जानू , करूँ मैं आत्मा अर्पण------!!
।। जय श्री कृष्णा ।।*।। राधे राधे ।।*।। सुप्रभात ।।
[एक बार कृष्ण जी ने पत्थर उठा कर ही गोकुल
धाम प्रलय से बचाया,
एक बार पत्थर ला कर हनुमान जी ने लक्ष्मण
के प्राण बचाये,
एक बार हनुमान जी ने पत्थर पर राम नाम
लिख कर समुद्र में तैराये रामसेतु
बना लंका पहुँचाया।
एक बार पत्थर ने ही हमारा केदार नाथ
बचाया...
फ़िर भी तमाम मूर्ख हम से पूछते हैं कि
तुम हिंदू "पत्थर" क्यों पूजते हो।
||जय श्री राम ||
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