Yogendra Yadav after ousted from AAP appears to have gone mad. He is talking rubbish. He is ridiculing NRC and demanding national register on unemployment.
Every country has a law for allowing outsiders to become citizen of that country.
Now after seven decades of anarchy and check less entry of foreigners from borders, Modi led NDA government has at least thought about terms and conditions for granting citizenship to outsiders. But defeated politicians like yogendra Yadav, Rahul Gandhi, Sonia Gandhi, Arvind Kejriwal, Akhilesh Yadav, Owessi, Mayawati, Mamta and Sita Ram Yachuri like politicians are provoking violence in the name of protesting against CAA and raising issues related to unemployment or price rise. They and their political followers are mischievously misguiding innocent citizens and presenting fabricated wrong picture of CAA as also NRC for which no bill has been introduced till date. It is very much shameful and must be condemned by all nation loving people.
After all any country cannot allow all to enter into it. Protesters want India to allow all to enter India without any restraints which is not possible .It is undoubtedly the prerogative of our government to decide who has to be granted citizenship and who is not eligible.
Protestors talk of Democracy and Constitution. Since the Act called Citizenship Amendment Act 2019 (CAA) is passed by both houses of Parliament, it cannot be termed as undemocratic. Rather protestors who are engaged in violence or engaged in violence are exhibiting their undemocratic character and mischievous intentions. An act passed as per provisions of the Constitution cannot be called undemocratic by any sensible person or party or by any country. Our constitution provides protection and all types of fundamental rights to Indian Citizens only, not to outsiders. Obviously protesters are attacking Constitutional provisions and democratic principles.
It is very much painful and shameful that a section of politians who could not win election, whose political career is at stake and whose corruption has been exposed are disturbing peace and creating chaotic condition by resorting fake news, fake videos, false information and by misinterpreting CAA and causing loss to National properties . Journalists and TV media are adding fuel to fire by showing pictures and video of violence time and time again. I condem such mediamen who are exploiting right of freedom of speech and freedom of expression to serve their selfish motto and to fulfil their hidden mischievous agenda.
I hope all right thinking people come forward and convince misguided people and thus help in saving our country and in maintain peace.
God bless you.
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NRC V/S CAB
आपके सवालों के जवाब-
बहुत से पढ़े-लिखे मित्र भी NRC और CAB को आपस मे जोड़कर बिना तथ्य जाने असमंजस में हैं। इसलिए कुछ प्रश्नों के जवाब दे रहा हूँ, जो आपके मन मे भी होंगे।
1. CAB क्या है??
√ यह एक कानून है, जिसके तहत 31 दिसम्बर 2014 से पहले से(या उस दिन तक) भारत मे रह रहे पाकिस्तानी, बंगलादेशी एवं अफगान शरणार्थी (हिन्दू, सिख, जैन, ईसाई, पारसी, बौद्ध) भारत की नागरिकता पा सकेंगे (धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर)..
उन्हें नागरिकता अधिनियम 1955 (संशोधित 1986) के प्रावधानों में जाना नही होगा।
2. मुस्लिम क्यों शामिल नहीं??
√ क्योंकि उपरोक्त तीनों देश मुस्लिम राष्ट्र हैं जहाँ मुस्लिम बहुलता है। अतः वहाँ सिर्फ बाकी अल्पसंख्यक धर्मों के लोगों को ही आस्था के आधार पर प्रताड़ित किया गया है।
यह भी समझना जरूरी है, की यदि मुस्लिमों को भी शामिल किया और डेडलाइन नही रहा, तब तो समस्त पाकिस्तानी, बंगलादेशी और अफगान नागरिक भारत मे आ जाएंगे। क्या हम यह झेल पाएंगे???
3. क्या भारतीय नागरिकों को परेशानी होगी या मुस्लिमों को चिंता की जरूरत है???
√ बिल्कुल नहीं, क्योंकि किसी की नागरिकता छीनी नही जा रही। जो भी भारतीय नागरिक हैं (किसी भी धर्म के) वो भारतीय थे, हैं और रहेंगे।
4. अभी ही क्यों लाया गया, जब देश की अर्थव्यवस्था बुरे दौर में है, अन्य समस्याएं हैं??
√ यह विधेयक 2015 में भी लाया गया था, लेकिन राज्यसभा से पारित नही हो सका था। यह कानून BJP के घोषणापत्र में बहुत पहले से है, जैसे 370 या राम मंदिर। कोई ऐसा संसद सत्र नही जिसके आगे पीछे देश मे चुनाव न हो। अतः टाइमिंग या मंशा पर सवाल उठाना जायज नहीं।
5. NRC क्या है??
√ यह एक नागरिकता पंजीकरण रजिस्टर है, जिसका उद्देश्य घुसपैठियों (जो बिना किसी दस्तावेज के विभिन्न पड़ोसी देशों से भागकर भारत आ गए हैं तथा जिन्हें SC भी देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानता है) कि पहचान करना है।
यह 1985 के असम एकॉर्ड में राजीव गांधी के द्वारा असम गण परिषद और वहाँ के छात्र संगठन को किया गया वादा था। जब इसे पूरा नही किया गया और मामला SC पहुंचा, तब SC की निगरानी में सरकार के संसाधनों से इसकी प्रक्रिया शुरू हुई।
6. क्या NRC गलत है या इससे कोई नुकसान है?
√ पहली बात तो यह, की NRC फिलहाल सिर्फ असम में लागू है। हाँ, कुछ विसंगतियां हैं, लेकिन जिनका नाम NRC से बाहर है उन्हें मौका दिया भी जा रहा है। गलतियों को सुधारा जा रहा है और अंतिम रूप में आने तक हमें इंतजार करना चाहिए।
7. क्या NRC से किसी भारतीय को घबराने की जरूरत है, क्या चिंता का विषय है??
√ अभी तक NRC पूरे देश मे कराने की सिर्फ घोषणा की गई है। अभी कोई तिथि, प्रक्रिया, डेडलाइन या कुछ भी निर्धारित नहीं, फिर चिंता की कोई बात ही नहीं।
हम भारत के नागरिक हैं, हमारे पास उपयुक्त दस्तावेज हैं, न्यायिक प्रक्रिया है, हमने सरकार को चुना है, सरकार हमारे लिए है, फिर डर किस बात का।
8. NRC का विरोध क्यों??
√ यह पूर्णतया राजनीतिक है, क्योंकि घुसपैठियों का प्रयोग फर्जी मतदान, रैलियों की भीड़, हिंसा, आपराधिक कृत्यों में राजनीतिक दल करते रहे हैं। यदि उन्हें पहचान कर भगा दिया गया, तो कई दलों का राजनीतिक भविष्य खतरे में होगा।
लेकिन, देश की सुरक्षा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है अतः घुसपैठियों की पहचान जरूरी है।
9. मुस्लिम समुदाय क्यों विरोध कर रहे हैं??
√ क्योंकि अधिकतर घुसपैठिये मुस्लिम समुदाय से हैं, जिन्हें राजनीतिक रूप से पताड़ना झेलनी पड़ी है।
क्योंकि भारतीय मुस्लिम समुदाय को (सिर्फ कुछ लोगों को) धर्म के नाम पर भड़काया जा रहा है राजनीति के लिए।
10. NRC और CAB को जोड़कर क्यों देखा जा रहा है??
√ क्योंकि अधिकतर लोग "शरणार्थी" और "घुसपैठियों" में महीन अंतर नही समझ पा रहे हैं, इसी का लाभ उठाया जा रहा है।
लोगों में अफवाह फैलाई जा रही है कि जो NRC से बाहर होंगे, उनमें मुस्लिमों को छोड़कर अन्य धर्मों को CAB के जरिये नागरिकता दे दी जाएगी। मुस्लिमों को बाहर कर दिया जाएगा।
यह बिल्कुल अफवाह है, भरोसा न करें। NRC और CAB बिल्कुल अलग हैं।
उदाहरण- अधिकतर घुसपैठिये म्यांमार के रोहिंग्या हैं, जबकि CAB में म्यांमार तो है ही नहीं।
फिर दोनों को आपस मे कैसे जोड़ सकते हैं???
11. विश्वविद्यालयों में तनाव क्यों??
√ यह तो हम सभी जानते हैं, की हर विश्वविद्यालय में विपक्षी दलों के छात्र संगठन भी हैं, जो मोदी सरकार के विरुद्ध हैं।
इन संगठनों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का निर्णय लिया, जिसका उन्हे अधिकार है। लेकिन, उनके आंदोलन में सुनियोजित तरीके से असामाजिक तत्वों को शामिल कराया गया, जिन्होंने हिंसा की। अब चुकी, प्रदर्शन छात्रों का था, इसलिए बदनाम वो हुए और रोटियाँ राजनीतिक दलों ने सेकी।
वैसे छात्रों में भी सब दूध के धुले नही होते, हम छात्र हैं इसलिए इतना तो जानते ही हैं। कुछ उपद्रवी छात्रों ने भी दंगाइयों का साथ दिया, उन्हें विश्वविद्यालय के अंदर लेकर आए इसमें कोई संदेह नहीं।
12. दिल्ली में क्या पुलिस दोषी है???
√ मेरी नजर में नहीं। हालांकि वास्तविकता सिर्फ ईश्वर जानते हैं।
मेरी नजर में नहीं, क्योंकि पुलिस ने पहले प्यार से समझाया था। छात्रों को बताया गया था, की दंगाई तत्व विवि. में प्रवेश कर चुके हैं, जो पत्थरबाजी कर रहे हैं। छात्रों के प्रतिनिधियों से बात करने की इच्छा भी पुलिस ने जताई थी।
दंगाई विवि. और छात्रों को नुकसान पहुंचा सकते थे, इसलिए पुलिस मजबूरन अंदर घुसी। असल छात्रों के साथ क्या हुआ, उसके कई वर्जन हैं सच्चाई कोई नही जानता, इसलिए इसपर कुछ भी बोलना उचित नहीं।
लेकिन, यह भी सही है जौ के साथ घुन पिसता ही है। सम्भव है कुछ निर्दोष छात्र भी घायल हुए हों, मैं इनकार नही करता।
अफवाह यह फैलाई गई, की छात्र मरे हैं, उनपर गोलियाँ चली हैं, जो बिल्कुल गलत साबित हुआ।
यह भी भ्रान्ति फैलाई गई, की पुलिस बिना VC की अनुमति के विवि. में नही घुस सकती।
जबकि, CRPC की धारा 46 और 47 में स्पष्ट लिखा है, की विपरीत परिस्थितियों में पुलिस हिंसा से निपटने हेतु भारत मे कहीं भी कार्यवाही कर सकती है।
मैं किसी दल, धर्म या वर्ग का कोई प्रवक्ता नहीं। किसी को मैं क्लीन चिट दूँ या दोषी बताऊँ, मुझे हक नहीं।
मैंने सिर्फ कुछ तथ्यों को स्पष्ट करने की ईमानदार कोशिश की है। अफवाहों से बच सकें, इस हेतु सच्चाई बताना (जितनी मेरी समझ है) जरूरी लगा।
कुछ भाई, मित्र तथा मेरे नजदीकी लोग भी भ्रमित थे, जिन्हें समझाना मैने अपना दायित्व माना।
यही एक सजग, सशक्त, समर्थ और सच्चे नागरिक का कर्तव्य भी है।
यदि उचित लगे तो शेयर कीजिये और अपने मित्रों, सगे संबंधियों को भी सावधान कीजिये।
अनुचित लगे तो इग्नोर कीजिये, बहस नहीं।
"देश जले और मैं न बोलूँ, मैं ऐसा गद्दार नहीं"...
जय हिंद 🇮🇳🙏
बच्चे का स्कूल में एडमिसन करवाना है जन्म प्रमाण पत्र चाहिए ।
एक स्कूल से दूसरे में जाना है TC चाहिए ।
राशन चाहिए, राशन कार्ड लाओ ।
Sim लेना है ID लाओ ।
पासपोर्ट चाहिए ID लाओ ।
Bank में खाता ID लाओ ।
नौकरी चाहिए ID लाओ ।
Salary की salary स्लिप मिलती है ।
नौकरी change करोगे document दो ।
शादी करोगे मैरिज certificate बनवाओ ।
Tax भरोगे Pan Card लाओ ।
वोट देना है Election Voter ID card लाओ ।
मुफ़्त की subsidy चाहिए Aadhar Card/Ration Card लाओ ।
गाड़ी चलानी है Driving License लाओ ।
गाड़ी है RC लाओ ।
मर जाओ death certificate लाओ ।
ट्रेन में चढ़ना है ID लाओ ।
हवाई जहाज़ में चढ़ना है ID लाओ ।
पुलिस को AMU में घुसना है परमिसन लाए ज
लेकिन देश में रहने के लिए कोई ID नहीं दिखाओगे और कोई माँगेगा तो बस जलाओगे ट्रेन जलाओगे । ऐसे कैसे चलेगा भइया ।
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